Fiza Tanvi

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बेमेल मित्रता

जंगल मे एक बहुत पुराना जामुन का पेड़ था. 

उस पेड़ के अंदर एक बूढा चूहा रहा करता था. 

जो काफी बूढा चुका था. 

एक दिन वो नदी किनारे स्नान करने जा रहा था. 

उसने देखा एक बिल्ली ज़ख़्मी हालात मे पड़ी हुई है. 

उसके शरीर से खून बेह रहा है. 

चूहा पेशे से हकीम था. 

चूहा सोच मे पड़ गया. 

मे इसका क्या करू. 

अगर इलाज करूंगा तो ये ठीक होकर मुझे खा जाएगी. 

अगर ऐसे ही छोड़ दिया तो ये मर जाएगी. 

चूहा बहुत रहमदिल था. 

किसी को भी परेशानी मे नही देखा सकता था. 

उसने बिल्ली को उठाया और अपने साथ ले गया. 

उसका बेहतर तरीके से इलाज क्या. 

अब बिल्ली ठीक होने लगी थी. 

बिल्ली चूहें की दुश्मन होती है. 

ये तो सब जानते है. 

उधर बिल्ली ठीक हो रही थी और इधर चूहा डर रहा था.. 

कही बिल्ली मुझे खा ना ले. 

चूहा डर के मारे अब देर से घर आने लगा था. 

जब बिल्ली सो जातीं तब घर आता. 

और सुबह मे उसके उठने से पहले चला जाता. 

बिल्ली मन ही मन सोच रही थी. 

चूहा मुझसे डरता है. 

तभी वो मेरे सोने के बाद आता है. 

और उठने से पहले चला जाता है. 

एक दिन बिल्ली जागती रही. 

चूहा आएगा तो मे उस से बात करूंगी. 

चूहा आया उसने देखा बिल्ली सो रही है. 

वो अंदर आ गया. 

बिल्ली एक दम उठकर बैठे गई. 

चूहा घबरा गया.. 

बिल्ली बोली चूहें तुम डरो मत 

मे तुम्हे कोई नुकसान नही पहुंचाउंगी. 

बल्कि मे तो तुम्हारी शुक्रगुजार हु. 

के तुम ने मेरी जान  बचाई है.

बिल्ली की बात सुन कर अब चूहें का डर ख़तम हो गया. 

और दोनों अच्छे दोस्त बन गए. 

जंगल के सभी जानवर उन दोनों की मित्रता को देख

कर दंगा रह गए थे. 

सुबह दोनों खाने की तलाश मे निकलते और शाम को 

एक साथ घर वापस आते.. 

जंगल के सभी जानवर उन्हें देख कर बहुत हैरान हो 

होते जा रहे थे. 

दिन बा दिन दोनों की दोस्ती का रंग गहरा होता गया. 

उस जंगल मे एक बहुत ही पुराने पेड़ की छाल मे 

एक साँप रहता था. 

जो उनकी दोस्ती को देखकर जलता सुलगता रहता. 

उसने उन दोनों की दोस्ती को तोड़ने की काफी 

कोशिस की लेकिन हर बार नाक़ाम हो गया. 

कुछ दिन बाद उस जंगल मे सूखा पड़ गया. 

पेड़ पौधे हरियाली सब खत्म हो गई. 

जंगल के सभी जानवर जंगल छोड़कर दूसरी जगह 

जाने लगे.. 

जो जंगल पेड़ पौधे परिंदो और दूसरे जानवरो से भरा 

रहता था. 

अब जंगल वीराना हो गया था. 

लग भग सभी जानवर जा चुके थे. 

सिवाय बिल्ली चूहें और सांप को छोड़कर. 

दो दिन हो गए थे. 

बिल्ली ने कुछ नही खयाल था. 

वो अपने पैरो पर सही से चल भी नही पर रही थी. 

भूख  से बिलकुल निढाल हो हो गई थी. 

साँप ने बिल्ली को देखा और उसके पास आकर खड़ा 

हो गया और कहने लगा. 

कैसी हो बिल्ली रानी. 

तुम अभी तक जंगल छोड़ कर नही गई. 

बिल्ली बोली मेरा इस दुनिया मे कोई नही है. 

सिवाए एक दोस्त के. 

मै उसे छोड़ कर कभी नही जाउंगी. 

अच्छे और सच्चे दोस्त तो किस्मत वालों को मिलते है. 

साँप बोला ऐसे तो तुम मर जाओगी. 

बिना खाये पिए तुम कैसे ज़िन्दा रहोगी. 

तुम जिसे अपना दोस्त कहती हो. 

वो तो पेट भर के खाना खा रहा है. 

और तुम यंहा भूख से बेहाल हो रही हो. 

अगर सच मै वो तुम्हे अपना दोस्त समझता तो 

तुम्हारे लिए खाने का इन्तिज़ाम करता. 

बिल्ली ने चूहें को मुँह तोड़ जवाब दे दिया और 

वहा से चली गई. 

साँप को बहुत गुस्सा आया क्योकि वो अपने मक़सद 

मे नाक़ाम  हो गया था. 

अब साँप चूहें के पास पहुंच गया. 

और कहने लगा. 

चूहें महाराज कैसे हो. 

कुछ खाने को मिला या नही. 

चूहा बेचारा भी भूख से बेहाल था. 

थोड़ा बहुत मिला था खाने को मगर पेट की भूख ना 

मिटी थी. 

साँप बोला अभी मैंने बिल्ली को देखा. 

बेचारी भूख से बेहाल थी. 

लड़खड़ा रही थी. 

चूहा बोला हम दोनों भी यह जंगल छोड़कर चले 

जायेंगे अब यंहा गुज़ारा करना बहुत मुश्किल है. 

साँप ने कहा, तुम कितने अच्छे हो पहले तो तुमने उस 

बिल्ली की जान बचाई जो सदिओं से तुम्हारी दुश्मन 

रही है और अब उसके खाने और रहने का इन्तिज़ाम 

भी तुम ही कर रहे हो. 

चूहा बोला अच्छा अब मै चलता हु. 

साँप ने कहा आज तुम घर मत जाओ. 

आज मैंने देखा बिल्ली भूख के मारे बहुत परेशान थी.. 

ऐसा ना हो के वो तुम्हे खा ले. 

चूहा हसा और बोला. 

ऐसा कुछ नही होगा. 

हम अच्छे दोस्त है. 

साँप ने कहा दो दुश्मन कभी एक दूसरे के दोस्त नही

बन सकते. 

मुझे लगता है आज तुम्हे यहीं रुकना चाहिए 

चूहा हस्ता हुआ चला गया. 

घर जाकर उसने दरवाजा खट्टखटाया. 

बिल्ली लेटी हुई थी. 

के उस से उठा भी नही जा रहा था. 

चूहा काफी देर तक दरवाजा खटखटांता रहा. 

बहुत देर बाद बिल्ली उठ कर आयी. 

और बोली तुमसे सब्र नही होता. 

क्यो दरवाजा पीट रहे हो.. 

बिल्ली की बात सुनकर चूहा डर गया. 

और ख़ामोशी से अपने बिस्तर पर लेट गया. 

अब चूहें को सांप की बात याद आयी. 

अब चूहें को  लगाने लगा था. 

की बिल्ली उस को खा जाएगी. 

सुबह होते हो चूहा साँप के पास पहुंच गया. 

और कहने लगा. 

बिल्ली मुझे खा जाएगी. 

तुम मुझे बचा लो. 

सांप बोला तुम फ़िक्र ना करो मै तुम्हारी मदद ज़रूर करूंगा. 

साँप ने सारी योजना बना ली. 

शाम के वक्त साँप के कहने पर चूहा बिल्ली को 

खाने का बोल कर कुए पर ले आया. 

और कहने लगा तुम यही बैठो मै ज़रा कुछ देर मे 

आया बिल्ली बहुत ख़ुश थी. 

काफी दिनों के बाद खाना मिलने जा रहा था. 

कुए की दींवार पर बैठी बिल्ली इस बात से अनजान 

थी के चूहा उसे मारने के मक़सद से लाया है. 

चूहें और साँप ने मिलकर बिल्ली को कुए मै गिरा दिया

चूहा अब बहुत ख़ुश था. 

साँप ने चूहें से कहा ऊपर आकर देखो बिल्ली कैसे 

फड़फड़ा रही है. 

चूहा जैसे ही ऊपर आया साँप ने चूहें की गर्दन पकड़ 

ली चूहा बोला ये क्या कर रहे हो तुम. 

मुझे क्यो मार रहे हो. 

मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है. 

साँप हसा और बोला, बहुफ दिनों से मै तुम्हारी दोस्ती 

तुड़वाना चाह रहा था. 

लेकिन मै हर बार हार जाता था. 

मैंने बिल्ली को हज़ार बार बोला था तुम्हे खा ले 

मगर उसने हर बार इंकार कर दिया. 

लेकिन तुम, तुम ने आज उसी दोस्त को मार डाल. 

चूहा अपनी नादानी पर बहुत शर्मिंदा था. 

वो अंदर ही अंदर खुद को कोस रहा था. 

थोड़ी देर बाद सांप चूहें को को खा गया 


                    
शिक्षा... इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है. 
की हमें खुद पर और अपने मित्र पर भरोसा रखना चाहिए... और मित्रता भी उसी से करनी चाहिए जो हमारे जैसा हो और हमारे बराबर का हो. 

                     फ़िज़ा तन्वी✍️✍️

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8 Comments

Simran Bhagat

14-Mar-2022 05:49 PM

Amazing dii 😍

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Rak2328

27-Aug-2021 05:16 PM

Amazing

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Sana khan

27-Aug-2021 12:11 PM

Fantastic🤘

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